Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (PMKSY) 2025: किसानों के लिए एक पूर्ण गाइड

अगर आप एक किसान हैं जो अपनी फसल उत्पादन बढ़ाने और पानी बचाने के तरीके तलाश रहे हैं, तो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) आपकी मदद के लिए है। यह योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य “हर खेत को पानी” और “प्रति बूंद अधिक फसल” के सिद्धांतों को बढ़ावा देना है, ताकि पानी की बचत और सिंचाई की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। साथ ही, MPBhulekh जैसे डिजिटल पोर्टल किसानों को भूमि रिकॉर्ड की जानकारी आसानी से उपलब्ध कराते हैं, जिससे योजनाओं का लाभ उठाना और भी सरल हो जाता है।

Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana

Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana क्या है?

PMKSY एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य खेतों में पानी का अधिक प्रभावी उपयोग करना है। यह योजना निम्नलिखित पर केंद्रित है:

  • सिंचाई कवरेज का विस्तार ताकि हर खेत को पानी मिल सके।
  • पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार आधुनिक सिंचाई तकनीकों के माध्यम से।
  • पानी का संरक्षण और सतत प्रथाओं का प्रचार

यह योजना विभिन्न घटकों के माध्यम से कार्य करती है, प्रत्येक घटक सिंचाई और जल प्रबंधन के विशिष्ट पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है।

PMKSY के प्रमुख घटक

1. त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP)

AIBP का उद्देश्य चल रहे प्रमुख और मध्य सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा करना है, जिसमें राष्ट्रीय परियोजनाएं भी शामिल हैं। इस घटक को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवनीकरण विभाग द्वारा लागू किया जाता है (pib.gov.in)।

2. हर खेत को पानी (HKKP)

HKKP का लक्ष्य हर खेत तक पानी पहुँचाना है, इसके लिए:

  • स्रोत वृद्धि: नए जल स्रोतों का निर्माण।
  • वितरण नेटवर्क: पाइपलाइनों और नहरों का निर्माण।
  • भूजल विकास: भूजल पुनर्भरण और उपयोग को बढ़ावा देना।
  • जल निकायों की मरम्मत, नवीनीकरण और पुनर्स्थापना (RRR): पारंपरिक जल निकायों को पुनर्स्थापित करना ताकि जल उपलब्धता में सुधार हो सके (pib.gov.in)।

3. जलग्रहण क्षेत्र विकास घटक (WDC)

WDC का उद्देश्य वर्षा आधारित और ह्रासित भूमि के समग्र विकास के माध्यम से:

  • मिट्टी और आर्द्रता संरक्षण: मिट्टी में नमी बनाए रखने की तकनीकों को लागू करना।
  • जल संचयन संरचनाएं: तालाबों और चेक डेमों का निर्माण।
  • आजीविका समर्थन गतिविधियाँ: भूमि संसाधनों पर दबाव कम करने के लिए वैकल्पिक आजीविका प्रदान करना (soildirectorate.assam.gov.in)।

4. प्रति बूंद अधिक फसल (PDMC)

PDMC का उद्देश्य खेतों में जल के उपयोग को अधिक प्रभावी बनाना है, इसके लिए:

  • सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियाँ: ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणालियों की स्थापना।
  • पानी संरक्षण प्रथाएँ: वर्षा जल संचयन और मिट्टी में नमी बनाए रखने को बढ़ावा देना।
  • फर्टिगेशन: उर्वरक को सिंचाई के साथ मिलाकर पौधों को बेहतर पोषण देना (pmksy.gov.in)।
PMKSY के प्रमुख घटक

वित्तीय सहायता और सब्सिडी

सरकार PDMC घटक के तहत सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों को अपनाने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। सब्सिडी का पैटर्न इस प्रकार है:

1

सामान्य राज्य:

60% केंद्रीय हिस्सा और 40% राज्य हिस्सा।

1

उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्य:

90% केंद्रीय हिस्सा और 10% राज्य हिस्सा।

पात्रता मानदंड

PMKSY के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को:

  • भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  • किसान के रूप में कार्यरत होना चाहिए।
  • आधार-लिंक्ड बैंक खाता होना चाहिए ताकि DBT के माध्यम से भुगतान किया जा सके।
  • 5 हेक्टेयर तक भूमि का मालिक होना चाहिए (सब्सिडी इस क्षेत्र तक सीमित है)।

आवेदन कैसे करें

किसान PMKSY के लिए आवेदन कर सकते हैं:

  • ऑनलाइन पोर्टल: आधिकारिक PMKSY वेबसाइट या संबंधित राज्य कृषि विभाग के पोर्टल पर जाकर आवेदन करें।
  • ऑफलाइन आवेदन: स्थानीय कृषि कार्यालय में आवेदन पत्र जमा करें।

आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक होंगे:

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • भूमि स्वामित्व दस्तावेज
  • पासपोर्ट साइज तस्वीरें

PMKSY के लाभ

  • फसल उत्पादन में वृद्धि जल के अधिक प्रभावी उपयोग के कारण।
  • पानी की बर्बादी में कमी आधुनिक सिंचाई तकनीकों के माध्यम से।
  • मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार सही नमी प्रबंधन के साथ।
  • आय में वृद्धि बेहतर उत्पादकता के कारण।
  • जल संसाधनों के संरक्षण के साथ सतत खेती

अधिकतम लाभ उठाने के लिए टिप्स

पानी-गहन फसलों का चयन करें:

गन्ना, केले और कपास जैसी फसलें सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों से बहुत लाभ उठाती हैं।

अपनी सिंचाई प्रणालियों का रख-रखाव करें:

प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लें:

सफलता की कहानियाँ

भारत के विभिन्न राज्यों के किसान PMKSY से लाभान्वित हुए हैं। उदाहरण के तौर पर, गुजरात में ड्रिप सिंचाई अपनाने वाले किसानों ने फसल उत्पादन में वृद्धि और अधिक आय की रिपोर्ट दी है। इसी तरह, महाराष्ट्र में पारंपरिक जल निकायों को पुनर्स्थापित करने के लिए RRR घटक के तहत जल उपलब्धता में सुधार हुआ है (pdmc.da.gov.in)।

FAQs

PMKSY के आवेदन की अंतिम तिथि राज्य-विशेष होती है। आपको अपने राज्य के कृषि विभाग या PMKSY पोर्टल पर जाकर विशिष्ट तिथियों की जांच करनी चाहिए। सामान्यतः, आवेदन पूरे वर्ष स्वीकार किए जाते हैं, लेकिन जितनी जल्दी हो सके आवेदन करना अच्छा रहता है, ताकि सिंचाई परियोजनाओं के लिए धन प्राप्त किया जा सके।

हां, 5 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटे किसान PMKSY योजना के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकार इन किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई जैसे जल दक्षता वाले सिंचाई प्रणालियाँ अपनाने में वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

PMKSY के तहत पात्र सिंचाई प्रणालियाँ निम्नलिखित हैं:

  • ड्रिप सिंचाई
  • स्प्रिंकलर सिंचाई
  • सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियाँ

यह प्रणालियाँ किसानों को पानी बचाने और कुशलतापूर्वक वितरण सुनिश्चित करने में मदद करती हैं, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होती है और दीर्घकालिक लागत बचत होती है।

किसान अपनी PMKSY आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं। इसके लिए वे PMKSY की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी आवेदन संख्या या आधार संख्या के साथ लॉग इन कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, वे स्थानीय कृषि कार्यालय से भी सहायता ले सकते हैं।

हां, PMKSY में पारंपरिक सिंचाई प्रणालियों की मरम्मत, नवीनीकरण और पुनर्स्थापना (RRR) भी शामिल है। किसान पुराने जल निकायों, नहरों और कुओं को पुनर्स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे जल उपलब्धता में सुधार होता है और सिंचाई प्रणालियाँ अधिक कुशल बनती हैं।

अंतिम विचार

PMKSY केवल एक योजना नहीं है, यह सतत और समृद्ध खेती की दिशा में एक कदम है। जल संरक्षण और सिंचाई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर, किसान बेहतर उत्पादन सुनिश्चित कर सकते हैं, पानी बचा सकते हैं और देश की कृषि वृद्धि में योगदान कर सकते हैं।

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